क्रोध हो या मान
लोभ हो या माया
धीमी आँच.
दूर हो या पास
भूख हो या प्यास
धीमी आँच.
जीवन को सरल बनाना है
मुस्कराते हुए बिताना है
तो, धीमी आँच.
जैसे धीमी आँच पर पका भोजन है बेहतर
वैसे धीमी आँच पर जिया गया जीवन है परिपक्व
आओ, करें धीमी आँच.
Have a great day friends!!!
Medhavi 🙂
1 Comment
anil jain
slow and steady wins the race….
सुंदर भाव …प्रेरणादायक भी….विकृति के प्रति अनुत्साह और प्रकृति के प्रति उत्साह….यही मूल मन्त्र है स्वभाव को पाने का…विकारों के प्रति सचेत रहने का…